#OpenPoetry बालकृष्ण शर्मा 'नवीन' (1897-1960 ई.) बालकृष्ण शर्मा 'नवीन का जन्म मध्यप्रदेश के राजापुर परगने के मदाना ग्राम में हुआ। उच्च शिक्षा कानपुर में हुई। ये गणेश शंकर विद्यार्थी के दैनिक पत्र 'प्रताप एवं 'प्रभा के संपादन से जुडे रहे। राष्ट्रीय आंदोलन के सक्रिय कार्यकर्ता और लोकसभा के सदस्य रहे। 'अपलक, 'कुंकुम, 'क्वासि और 'रश्मिरेखा इनके मुख्य काव्य संग्रह हैं। 'उर्मिला खंड काव्य है। भाषा बोलचाल की है, जिसमें प्रवाह और ओज है। हिंदुस्थान हमारा है 🇮🇳👩💻🎡 कोटि-कोटि कंठों से निकली आज यही स्वर-धारा है, भारतवर्ष हमारा है, यह हिंदुस्थान हमारा है। जिस दिन सबसे पहले जागे, नव-सिरजन के स्वप्न घने, जिस दिन देश-काल के दो-दो, विस्तृत विमल वितान तने, जिस दिन नभ में तारे छिटके, जिस दिन सूरज-चांद बने, तब से है यह देश हमारा, यह अभिमान हमारा है। tehzibasheikhnozato my