मैंने तो पूरी तैयारी कर ली थी ... माथे पर सिंदूर तुम नही लगाए तो मैंने हाथो में ही भर ली ।। सोचे तुम्हारी उम्र और खुशियां दोनों की दीदार सामने से करेंगे ... उन हजारों औरतों से हम भी तुम्हें निगाहें भरेंगे पर तुम आए ही नही । अधूरी सृंगार हैं सिंदूर बिना और अधूरी तीज तुम बिना मेरे जान ओ जाना कभी फुर्सत में आना बिछाए पलके खड़ी हूँ मै हरियाली तो आज भी है पर तीज तुम उसी दिन मनाना ।। khushbu kumari khushbu ki kvita #teej #teejfestiuval