तुमने देखा नहीं अपना रंग आईने में एक चमक उठती और गहरा जाती इन आंखों में एक कसक उठती और सिमट जाती सुर्ख होठों में तुमने देखा नहीं मैं हर बार था वहीं तुम आईना साफ करते रहे पर रंग आंखों का भी मिटता है कहीं तुमने देखा नहीं पतझड़ में भी बहार का रंग मेरे उदास चेहरे पर भी तुम्हारी याद का रंग। #देखानहीं #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi#toyou#yqresemblance#yqlove#yqlookingglass