" यादों के सावन " लब हिले तो पंखुरी गुलाब सा हो चेहरे में नूर फिजाओं का गेसु में बरसात लिए जो आए शोख घटाओं क रुखसार में फूलों की रंगत इश्क समन्दर आँखों में महके-महके झोंकों वाली जैसे खुश्बू उसकी साँसों में Yaadon ke Saawan