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" यादों के सावन " लब हिले तो पंखुरी गुलाब सा हो च

" यादों के सावन "

लब हिले तो पंखुरी गुलाब सा हो
चेहरे में नूर फिजाओं का
गेसु में बरसात लिए
जो आए शोख घटाओं क

रुखसार में फूलों की रंगत
इश्क समन्दर आँखों में
महके-महके झोंकों वाली
जैसे खुश्बू उसकी साँसों में Yaadon ke Saawan
" यादों के सावन "

लब हिले तो पंखुरी गुलाब सा हो
चेहरे में नूर फिजाओं का
गेसु में बरसात लिए
जो आए शोख घटाओं क

रुखसार में फूलों की रंगत
इश्क समन्दर आँखों में
महके-महके झोंकों वाली
जैसे खुश्बू उसकी साँसों में Yaadon ke Saawan