तुम.. पढ लो मुजे अपनी ऊंगलियों से.. चहेरे से ले कर सफर शुरु हो खत्म ना हो तबतक जबतक मेरी सांसे ना रुके, मेरी त्वचासे फिसलते मेरी रुहमें पनाह लो.. तुम.. पढ लो मुजे अपनी ऊगलियों से.. आगोश हो तेरा कुछ मेरा भी कुसूर हो, ऑंखे बंद कर अपनी कुछ होठों से सुलगने दो.. तुम.. पढ लो मुजे अपनी ऊगलियों से.. मैं किताब ना सही मगर मेरा पन्ना पन्ना तु है, मैं आईना ना सही मगर मेरा कतरा कतरा तु है.. तुम.. पढ लो मुजे अपनी ऊगलियों से.. 🌹 तुम पढ लो मुजे....