अधूरा है मेरा नाम तेरे नाम के बिना। अधूरी है मेरी हर ख्वाहिश तेरे साथ के बिना।। अभिनव पथ पर चलकर। पूर्ण हुई शिल्पी।। संपूर्णता को पाकर। बन गई शिल्पकार।। नव निर्माण कर जीवन का। अभिनव रूप किया साकार। पत्थर को तराशकर। दिया सुंदर सा आकार।। नव जीवन सुनहरा बनाकर। बन गई स्वर्णकार।। अभिनव शिल्पी के जीवन का । बना निर्माताकार।। और हुआ एक नव पथ का निर्माणाकार। जो बन गया शिल्प जीवन का आधार।। शिल्पी ©chahat शिल्पकार