Nojoto: Largest Storytelling Platform

रात यों कहने लगा मुझसे गगन का चाँद, आदमी भी क्या

रात यों कहने लगा मुझसे गगन का चाँद, 
आदमी भी क्या अनोखा जीव होता है! 
उलझनें अपनी बनाकर आप ही फँसता, 
और फिर बेचैन हो जगता, न सोता है।
रामधारी सिंह 'दिनकर'... #ramdhari#singh#dinkar#kavita
रात यों कहने लगा मुझसे गगन का चाँद, 
आदमी भी क्या अनोखा जीव होता है! 
उलझनें अपनी बनाकर आप ही फँसता, 
और फिर बेचैन हो जगता, न सोता है।
रामधारी सिंह 'दिनकर'... #ramdhari#singh#dinkar#kavita