चलता जा तू रुकना नहीं, कहीं तो आशियाना होगा मेहनत कर तू, मेहनत से मुट्ठी में तेरे ज़माना होगा लिख दे मेहनत की कलम से ख़ुद का फ़साना होगा जो हार के बैठ गया मुसीबत से यह तो बहाना होगा मेहनत और विश्वास से ही मंज़िल को सजाना होगा फ़िर तो हर राह और मंज़िल से तेरा दोस्ताना होगा छू लेगा आसमान को सब होंटों पर तेरा तराना होगा खाली रहेगा ना तू, इस धरा का ये तेरा खज़ाना होगा ❤ प्रतियोगिता- 333 ❤आज की ग़ज़ल प्रतियोगिता के लिए हमारा विषय है 👉🏻🌹"कहीं तो आशियाना होगा"🌹 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य है I कृप्या केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I