मैं काग़ज़ की जात रे मौला , डोर है तेरे हाथ! डोर है तेरे हाथ रे मौला, छोड़ न मेरा साथ. ऐसी मरियल काया मेरी पलमें वक़्त ये कांटे। मुझमें कमान डंडी डाले मार मार के वो चांटे! खाऊं गुलाटी , मारू ठुमके केवल तेरे हाथ.... मैं कागज़की जात ..... उडु अगर तू चाहे मौला, उडु गगन में दूर। तेरे हाथ से उड़कर में भी हो जाऊं पुरनूर! एक बार तू गले लगाके प्यारकी दे सौगात .... मैं काग़ज़की जात.. -फिरदौस देखैया! अनुवाद महबुब सोनालिया! #NojotoQuote मैं काग़ज़ की जात रे मौला , डोर है तेरे हाथ! डोर है तेरे हाथ रे मौला, छोड़ न मेरा साथ. ऐसी मरियल काया मेरी पलमें वक़्त ये कांटे। मुझमें कमान डंडी डाले मार मार के वो चांटे! खाऊं गुलाटी , मारू ठुमके केवल तेरे हाथ.... मैं कागज़की जात .....