(मेरी कलम से.............. ) " ऐ-यायावर तू थोड़े समय के लिए , अपनी पहचान छोड़ दें! सच कहता हूं तू अपने लिए, स्वयं से अपना नाता जोड़ दें! कहता हूं बहुत कड़वा अपनो को, अपने ही रास्तों पर अपने को मोड़ दे! समय नहीं रूकेगा अपना पराया, तू बस अपनी आरजू को विराम दे! तुझे तेरी मनचाही मंजिल मिलेगी, बस माता-पिता का आशीर्वाद ले ले! सपनों के पीछे इतना मत भाग, है उसी को आगे बढ़ाने पर जोर दे! बहुत कोशिश के बाद मुकंदर नहीं मिले, रही है कमियां वह अपने से निछोड़ दे! समय तो लगेगा बहुत कुछ होगा, बस परिणाम आने में देरी लगने दे! " !!....ऐ-यायावर तू थोड़े समय के लिए अपनी पहचान छोड़ दे ............. !! (✍चेतन कुमार मेघवाल) मेरी डायरी से संकलित😍