इस दिवाने दिल को, कितना समझाऊँ यह प्यार की बातें, मैं भूल ना पाऊँ यह उड़ता पंछी, सब कुछ है जाने फिर भी कहा ये, मेरा दिल ना माने दिल ना माने, यह दिल ना माने . . . छम छम करती, मेरी पायल है नाचे गीतों के सुरों से, करती है यह बातें बन नाचे मोरनी, रूक जाएँ तब साँसें हर फूल यह जाने, पर दिल ना माने दिल ना माने, यह दिल ना माने . . . यादों में बसी हैं, वो बरसात की बातें सावन की घटा में, रिमझिम सी रातें पुरवाई में उड़ते, वो आँचल की साँसें भीगी अखियाँ हैं जानें, पर दिल ना माने दिल ना माने, यह दिल ना माने . . . Pari aggarwal Äbhī Güpťå