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मैं न रहूँ कल! तो ये नाम कहीं बाकी रह जायेगा, बि

मैं न रहूँ कल! 
तो ये नाम कहीं बाकी रह जायेगा, 
बिखेरे हैं कुछ एहसास इन कोरे कागजों पर, 
कल को राख भी हो जाऊँ "हृदय", 
तो इन पर धूमिल मेरा निशां रह जायेगा ।।

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