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कुछ तो चाहत रही होगी। उन बरसाती बूंदों में । आखिर

कुछ तो चाहत रही होगी। उन बरसाती बूंदों  में ।
आखिर कौन ज़मीं तलाशता है, इतना आसमां को छू कर।

                                                           - इट्स b@r!sh@ki#d₹०p
कुछ तो चाहत रही होगी। उन बरसाती बूंदों  में ।
आखिर कौन ज़मीं तलाशता है, इतना आसमां को छू कर।

                                                           - इट्स b@r!sh@ki#d₹०p
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