केदारनाथ सिंह की कलम से प्रस्तुत है- क्या जीवन इसी तरह बीतेगा शब्दों से शब्दों तक जीने और जीने और जीने और जीने के लगातार द्वन्द में? #KalamSe #KedarnathSingh