आता था तेरी गली मै साइकिल पे तुझे देखने हर सुबह हर शाम चक्कर लगाता था तेरी गली में कब तुझ से मोहब्बत हो गयी ये पता नहीं चला बचपन से ही प्यार था मुझे इसी लिए ढूढने मै तुझे चला बचपन का प्यार