मित्रो माह नवम्बर आया,सर्दी को संग लाया है। लगने लगी है धूप सुहानी, इश्क़ भी सिर चढ़ आया है।। तनिक धूप को देख श्वेतिमा, में निकला प्रेमी जोड़ा। मिले एक दूजे से ऐसे, ज्यों बन्दीगृह से छोड़ा।। नेति। धन्यवाद। ©bhishma pratap singh #चार पँक्तियाँ#हिन्दीकविता#काव्य संकलन #भीष्म प्रताप सिंह#4linepoetry#लव और रोमांस#नवंबर creator