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ऐ रब! अब और तुझसे कुछ नही मांगती हूँ मैं मौत का बस

ऐ रब!
अब और तुझसे कुछ नही मांगती हूँ मैं
मौत का बस वो दिन चाहती हूं मैं 
💘
थक चुकी हूँ इस जिंदगी से
अब बस आराम करना चाहती हूँ
💘
नहीं चाहती हूं ऐसी जिंदगी, 
जिसमे खुशी  हवा के झोंके की तरह एक पल में गुजर जाए
💘
नहीं चाहती ऐसी जिंदगी जिसमे गम
एक मौसम बन के आये और कभी न जाये
💘
नहीं चाहती ऐसी जिंदगी जिसमे अपने, अपने नहीं,
साथ ही कोई खुशी शामिल होने का आसरा भी नही
💘
थक चुकी हूं तेज़ रफ्तार जिंदगी से,
चुभन सह चुकी अपनों के दिये बेरुखी से
💘
अब बस आराम करना चाहती हूँ
मौत का बस वो दिन चाहती हूं मैं 
 ऐ रब!
अब और तुझसे कुछ नही मांगती हूँ मैं
मौत का बस वो दिन चाहती हूं मैं 
💘
थक चुकी हूँ इस जिंदगी से
अब बस आराम करना चाहती हूँ
💘
नहीं चाहती हूं ऐसी जिंदगी,
ऐ रब!
अब और तुझसे कुछ नही मांगती हूँ मैं
मौत का बस वो दिन चाहती हूं मैं 
💘
थक चुकी हूँ इस जिंदगी से
अब बस आराम करना चाहती हूँ
💘
नहीं चाहती हूं ऐसी जिंदगी, 
जिसमे खुशी  हवा के झोंके की तरह एक पल में गुजर जाए
💘
नहीं चाहती ऐसी जिंदगी जिसमे गम
एक मौसम बन के आये और कभी न जाये
💘
नहीं चाहती ऐसी जिंदगी जिसमे अपने, अपने नहीं,
साथ ही कोई खुशी शामिल होने का आसरा भी नही
💘
थक चुकी हूं तेज़ रफ्तार जिंदगी से,
चुभन सह चुकी अपनों के दिये बेरुखी से
💘
अब बस आराम करना चाहती हूँ
मौत का बस वो दिन चाहती हूं मैं 
 ऐ रब!
अब और तुझसे कुछ नही मांगती हूँ मैं
मौत का बस वो दिन चाहती हूं मैं 
💘
थक चुकी हूँ इस जिंदगी से
अब बस आराम करना चाहती हूँ
💘
नहीं चाहती हूं ऐसी जिंदगी,