उफ़ ये बारिश की बूंदें, तेरी जुल्फों पर क्या गज़ब ढा रहे हैं। उनसे मोती सी टपकती बूंदें, मेरे दिल पर क्या सितम ढा रहे हैं। बारिश#शायरी#