'झील का चांद' किस जतन से आया है ये क्या जताने आया है? पानी पीने आया है के, प्यास जगाने आया है? चांद मन का देवता है है मनों पे मनों भारी मन लगाने आया है के, मन मनाने आया है? अचल दर्पण, चन्द्र चंचल रात में छूता है आंचल देखने आया है चेहरा या दिखाने आया है? झील सबकुछ जानती है प्यार में कहती नहीं शांत-शीतल है खड़ी क्या के जो बहती नहीं? 'चांद यूँ तो सबका है पर मुझसे है कुछ बात खास सबसे पहले छोड़ सबको सिर्फ मुझको और मुझको प्यार जताने आया है पागल बनाने आया है.' #NaveenMahajan #moonlight झील का चांद