वर्दी में ख़ून बहाया जब, हुई जान मेरी गंगा जैसी। 🇮🇳 जय हिंद 🇮🇳 कृपया अनुशीर्षक में पढ़ लें। 🙏🙏 ऐ मौत मेरी, ज़रा मोहलत दे, कहीं और न दुश्मन ज़िंदा हों, कुछ और लड़ूं वतना के लिए, फ़िर बेशक़ जान परिंदा हो। मेरी रगों से बहती धार है जो, दुश्मन के गले का फंदा हो, रहे ख़ूब सलामत शान सदा, ना देश मेरा शर्मिंदा हो।