कागज की कश्ती, बेफिक्री से बरसात में बहाया करते थे। किसकी कश्ती आगे जायेगी , रेस लगाया करते थे। मालिक! कुछ ऐसी इनायत कर, भवसागर में बेफिक्री कुछ ऐसे बहाऊं। कि इस रेस में नंबर वन हो जाऊँ। ©Alpita MishraSiwan Bihar #Memories #Memories