Nojoto: Largest Storytelling Platform

हाँ औघड़, यह उत्कृष्ट ध्यान ही तो है, क्योंकि.. जब

हाँ औघड़,
यह उत्कृष्ट ध्यान ही तो है,
क्योंकि..

जब नृत्य
मौन को धारण कर
नृतक में समाहित हो,
प्रतिक्षण,
क्षुद्र स्पन्दन से भी
प्रवाहित होने लगता है...

तब नृतक और नृत्य
एक्य हो...
पूर्ण अर्धनारीश्वर रुप धारण कर
समाधिस्थ हो जाते है.....

स्व से स्वयंभू में... मेरा नृत्य शिव !
तुम्हारा नृत्य शिव !
नृत्य शमशान में 
औघड़ 


Beena  😊di #YourQuoteAndMine
Collaborating with Mayank Parashar
हाँ औघड़,
यह उत्कृष्ट ध्यान ही तो है,
क्योंकि..

जब नृत्य
मौन को धारण कर
नृतक में समाहित हो,
प्रतिक्षण,
क्षुद्र स्पन्दन से भी
प्रवाहित होने लगता है...

तब नृतक और नृत्य
एक्य हो...
पूर्ण अर्धनारीश्वर रुप धारण कर
समाधिस्थ हो जाते है.....

स्व से स्वयंभू में... मेरा नृत्य शिव !
तुम्हारा नृत्य शिव !
नृत्य शमशान में 
औघड़ 


Beena  😊di #YourQuoteAndMine
Collaborating with Mayank Parashar