तुमहे जितना मनाते है तुम उतना रुठ जाती हो कहि भि जारकर फिर भि तुम मेरे पास हि तो आति हो... हा मुझे मनाने नहि आता है मुझे प्यार जताने भि नहि आता है मगर हर रोज मै हि तो तेरे गुसे को झेलने जाता हु... मुझे दुनियाँ को नहि बताना कि मै तुमसे, कितना प्यार करता हु तुमहे पता हैना, फिर क्या जरुरत बस तुमहे पता हैना, फिर क्या जरुरत... तुम सिर्फ जरुरत नहि हो, मेरि जान भि हो मेरे सच्चे दिल के, अरमान भि तुम हि हो... हर जगह तुम हो जहा धुप निकलाता हो हर जगह तुम हि हो जहाँ छाव निखरता हो... हर सपनो मे भि, तुम हि हो हर बिपनो मे भि, तुम हि तुम हो हो तो तुम मेरे दिल मे भि मेरे मस्तिष्क के अन्दर भि... ✍️Yudi Shah तुमहे जितना मनाते है तुम उतना रुठ जाती हो कहि भि जारकर फिर भि तुम मेरे पास हि तो आति हो... हा मुझे मनाने नहि आता है मुझे प्यार जताने भि नहि आता है मगर हर रोज मै हि तो