बदल गई है रूत, बदल गये हैं बोल बदले हैं लोग और बदला है माहौल बदल रहा, दुआ सलाम का सलीका न रहा कहीं झुकने का तरीका चेले खुद को लगे,उस्ताद से ज्यादा आंकने और लगे, स्वयं का ही गढ़ा ज्ञान बांचने कोई अपने को किसी से कम समझता नहीं सब गुरु ही गुरु है, शिष्य कहीं कोई दिखता नहीं।।। © Anjali Ansh #शिक्षक दिवस