अगर रोजेदारों के सामने खाना पीना गुनाह है... तो यकीनन .... ईद के दिन यतीमों और गरीबों के सामने नए कपडे पहन के घुमना भी गुनाह है. इसलिए अपनी जकात को सही हाथों तक पहुंचाओ तहकीक करो ये जिममेदारी है आपकी.... जकात के मुशतहिक को इस तरह तलाश करो जैसे जंगल में नमाज पढनी है और वुजु के लिए पानी तलाश करना है....