माता aur पिता खता क्या है मेरी, सज़ा क्या है मेरी, ये तो बता दो आप दोनों, थक गई हूं मैं इन रोज रोज के किस्सों से अब बट जाती हूं मैं रोज़ कर्ई हिस्सों में, नहीं चाहिए आप दोनों से मुझे कुछ, बस अपने हिस्से का प्यार मांगती हूं, ज़िन्दगी के इस मुश्किल सफ़र में, बस आप दोनों का साथ और आशीर्वाद मांगती हूं, गर जो ना दे सको इन में से कुछ, तो बस जहर मांगती हूं, आप दोनों से बस अब मौत मांगती हूं मैं आप दोनों की गोद में सिर रखकर बस एक लम्बी नींद मांगती हूं, आज फ़िर से दोनों की हाथों की सिरहन मांगती हूं।। नवी वर्मा. खाता क्या है मेरी.....