मर मर के जिये जाने में मज़ा है बहोत दिल कि करने में वो राहतें नहीं हैं हाँ मुतमइं हूँ मैं कुछ है ही नहीं अंदर ख्वाहिशें नहीं कुछ भी चाहतें नहीं हैं मुतमइं - satisfied