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है अभी अंधेरा तो क्या, कल फिर से सूरज आयेगा, दूर क

है अभी अंधेरा तो क्या,
कल फिर से सूरज आयेगा,
दूर करके अंधियारी को,
कल एक नया सबेरा लायेगा,
मत हो निराश ओ बंदेया तू,
चंद आशा की किरणों से,
कल फिर से तेरी,
जिंदगी रौशन हो जायेगा ।

है अभी पतझड़ तो क्या,
कल फिर से सावन आयेगा,
इन सूखे पड़े बेरंग पत्तियों में,
कल फिर से रंग भर जाएगा,
मत हार हिम्मत ओ बंदेया तू,
बस कोशिश तू जारी रख,
आज राहों में जो कंटक है,
कल पुष्प बन,
तेरे पैरों को सहलायेगा ।

©(Anu..)
  बंदेया

बंदेया #कविता

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