खुली आँखों जो दिखती तस्वीर है इस दुनिया की... बंद आँखों से भी फिर वो सच क्यों नहीं दिखती... करती रहती है हर बार दरकिनार सभी अरमानों को... क्यों इस बार भी ये सैलाब है थाम नहीं सकती... अल्फाजों के तीर तो ज़हर किये बैठी रहती है... क्यों इस बार इक घाव और नहीं कर सकती... हार जाएं हर बार हालात भी आगे इसके.... ये दुनिया किसी हालात के लिए कभी नहीं रुकती..॥ ©Sonam Verma #worldpostday#JourneyOfLife#moodiness