में पानी हूं हर रंग में रंग जाता हूं मेरी कहानी बस इतनी है हर हाल में खुश रहता हूं धूप में भांप बनकर आसमान में बादल बन जाता हूं बारिश में रिमझिम रिमझिम जमीन में गिर जाता हूं कहीं में मिटा हूं कहीं में खारा हूं फिर भी हर हाल में भी सबके काम आता हूं ©Tafizul Sambalpuri में पानी हूं