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*मधुर ब्रह्म* अगर आपके व्यवहार एवं वाणी में मधुरता

*मधुर ब्रह्म*
अगर आपके व्यवहार एवं वाणी में मधुरता है तो यकीन मानिये आप अपने शत्रु को भी आकर्षित करने में सक्षम हो जाते हैं.वहीं आपके वाणी की कटुता अपनों को भी आपसे घृणा करा देती है.इसलिए क्षणिक क्रोध के कारण अपनी मधुर व्यवहारिकता न खोये.भगवान् श्रीराम जी इसी व्यवहार के कारण"बैरिहिं राम बड़ाई पाई"शत्रुओं से भी प्रशंसित हुए .

©परम् वै मधुरं
#Fun
*मधुर ब्रह्म*
अगर आपके व्यवहार एवं वाणी में मधुरता है तो यकीन मानिये आप अपने शत्रु को भी आकर्षित करने में सक्षम हो जाते हैं.वहीं आपके वाणी की कटुता अपनों को भी आपसे घृणा करा देती है.इसलिए क्षणिक क्रोध के कारण अपनी मधुर व्यवहारिकता न खोये.भगवान् श्रीराम जी इसी व्यवहार के कारण"बैरिहिं राम बड़ाई पाई"शत्रुओं से भी प्रशंसित हुए .

©परम् वै मधुरं
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