“पुष्प की अभिलाषा” अनुशीर्षक में👇👇👇👇 — % & हे मानव! ईश्वर ने मुझ में भी दिया जान है तुम इंसान हो तो मेरी भी प्रकृति में एक पहचान और सम्मान है तुम रहते हो सदा ही अपने गुरुर, गुमान और अभिमान में ईश्वर ने जो दे दिया सर्वश्रेष्ठ दिमाग है ईश्वर और प्रकृति के दिए स्थान को