आज निकले थे मोहब्बत की दुनिया मे पर एहतियातन दिल लाना भूल गया उसकी वो आइनों से भरी गालियां थी कम्भखत रहनुमा लिबाज पहनना भूल गया दर्द और उभरना चाहियें