एक दिन सोचा चलते हैं अपने पुराने शहर जहां हम-तुम मिले थे जहां रुबरु हुआ उन गलियों से जिसमें हम कभी चले थे वो गालियां..जो हमारे अधूरे इश्क़ की गवाह हैं मुझे देख के मुस्कुरा रही हैं सुनो तुम्हें गोरखपुर की वो गलियां बुला रही हैं फिर चल पड़े हम उस मंदिर की ओर जहां की फिज़ा बहोत प्यारी थी रुबरु हुआ उन सीढ़ियों से जहां बैठ के हमने कई शामें गुजारी थी वो सीढ़ियां जो वहां हुई हमारे हर बातों की राजदार हैं वो मुझसे तुम्हारा हाल जानना चाह रही हैं सुनो तुम्हें गोरखनाथ की वो सीढ़ियां बुला रही हैं अब दिन ढल गया और शाम को आना था अब अपने सफ़र को नौका विहार की ओर ले जाना था रुबरु होना था उन लहरों से जिनके किनारे बैठ कर हमने अपने रिश्ते को पहचाना था वो लहरें जो हमारे रिश्ते के आगाज की साक्षी हैं वो मुझे एकटक निहार रही हैं सुनो तुम्हें रामगढ़ ताल की लहरें बुला रही हैं - Atul Mishra A letter to my ex..☺️ #hardfeelings #sacrificeeverything #deepfeelings #friendshipday2018 #lovewhatyoudo #lovethem #saketini #christmasfeelings #saketasting #friendshipismagic