तू राह न देख नेता की,लगभग सब घर के अंदर है बस वोट की खातिर दिखते है,बाकी दिन सर्प छछूंदर हैं। जब तपती सड़कों की गर्मी से जलते तेरे पाॅव प्रिय! आ हाथ पकड़ ले मेरा, मैं पहुंचा दूं तेरे गाॅव प्रिय! जो दर्द तुम्हारा इंस्ता की स्टोरी ना निपटाएगा जो आकर कह दे रामू अबकी तू भी घर को जाएगा। तू विलेन भले है फिल्मों का, पर समझे सबके दर्द प्रिय! कितने भी चुलबुल आएं जाएं , छेदी हैं असली मर्द प्रिय! किसी और के दर्द को देख,जो जाए उसमे कूद प्रिय ओ थके पैर भी याद रखेंगे,एक था सोनू सूद प्रिय। by:-ajitbabu corona fighters