हाँ हम बदल जाती हैं। अकसर जब उस एक इंसान की बातों का अलग एहसास होने लगता है। जब पता लगने लगता है कि "वो" इन अंजान लोगों की भीड़ का हिस्सा नही है या सिर्फ़ किसी कहानी का किस्सा नही है। हम बदल जाती हैं। (Full piece in caption) हाँ हम बदल जाती हैं। अकसर जब उस एक इंसान की बातों का अलग एहसास होने लगता है। जब पता लगने लगता है कि "वो" इन अंजान लोगों की भीड़ का हिस्सा नही है या सिर्फ़ किसी कहानी का किस्सा नही है। हम बदल जाती हैं।