मगरूर की कहानी, तारीख की जबानी, तारीख ही बनाये, तारीख ही मिटाये, तू किस खेत की मूली, समझे कभी तो मामूली - खुद को,खुदी को छोड़े, तोड़े न ,मन को जोड़े। ©BANDHETIYA OFFICIAL #मगरूर ! #roshni