सालो वर्षों बीत गए पर हम आज भी जवान है, उम्मीदों के मोहल्ले में ऊंचा आपना ही मकान है, महफिलों में बेइज्जती का तमगा पाया है सबसे, मेरे ही अकल की खिड़की बंद पड़ी है कबसे। खिड़की तो एक रूपक है। खिड़की विचारों की हो सकती है। कल्पना की, बुद्धि की, साहस की हो सकती है। खिड़की किसी की निगाह हो सकती है। अपनी कल्पनाशीलता को उड़ान दीजिये और खिड़की के नए बिम्ब तलाश करते हुए रचना करें। #खिड़की #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi