गीत गाये जा रहे थे हमारी हक की ख़ुशी में , ओर हम मशगुल थे किसी ओर गम की तफ़्तीश में। चाह कर भी रोक नही पाए इतने रंगीन लम्हे थे, पा कर भी खो दिए वो जो दिल के करीब अपने थे। #firstqoute #hindipoetry #dostiduniya