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सुख दुःख की धूप-छाँव से आगे निकल के देख, इन ख्वाहि

सुख दुःख की धूप-छाँव से आगे निकल के देख,
इन ख्वाहिशों के गाँव से आगे निकल के देख,
तूफान क्या डुबायेगा तेरी कश्ती को,
आँधियों की हवाओं से आगे निकल दे देख।

©Amit Giri
  Inspirational Shayari
amitgiri5522

Amit Giri

Bronze Star
New Creator

Inspirational Shayari #शायरी

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