Nojoto: Largest Storytelling Platform

पधारो श्यामसुमन, अँगना हमारे तुम..          अब तो

पधारो श्यामसुमन, अँगना हमारे तुम..
         अब तो तुम, आ जाओ 
         तरसे को, ना तरसाओ 
                 या देना संदेशा, पवन को अपने मन का
                 देना बात ऐसी कुछ, जो हों धैर्य जीवन का 
         कह देना पवन से, अपने मन की बात
         जो वो कहें मुझसे, तुम्हारे हीं जज्बात
पधारो मोहन, अँगना हमारे तुम..
          तुम्हें बुलाएं, तुम्हारे प्रेमी का मन 
          तरसी अखियाँ चाहे, तुम्हारे दर्शन 
पधारो भगवन, अँगना हमारे तुम..

©दिव्यांशी त्रिगुणा "राधिका"
  #desert #NojotoHindi #PoetryHindi