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कंठ में हलाहल,जटा में गंगा शीश पर चंद्रमा मुस्करा

कंठ में हलाहल,जटा में गंगा 
शीश पर चंद्रमा मुस्कराता है।
सर्पमालाधारी,त्रिशूल और डमरूधारी
आज सजा हर शिवाला है।
फल,फूल,वेलपत्र,भांग,धतूरा
आज मेरे शिव पर चढ़ने वाला है।
झूमों,नाचो,गाओ खुशियाँ मनाओ
शुभकामनाओं के साथ मंगल गाओ।
महा शिवरात्री का पर्व आया है ।
पारुल शर्मा श्रवण मास #शिवरात्री की आप सभी को हार्दिक शुभकामनायें 

कंठ में हलाहल,जटा में गंगा 
शीश पर चंद्रमा मुस्कराता है।
सर्पमालाधारी,त्रिशूल और डमरूधारी
आज सजा हर शिवाला है।
फल,फूल,वेलपत्र,भांग,धतूरा
आज मेरे शिव पर चढ़ने वाला है।
कंठ में हलाहल,जटा में गंगा 
शीश पर चंद्रमा मुस्कराता है।
सर्पमालाधारी,त्रिशूल और डमरूधारी
आज सजा हर शिवाला है।
फल,फूल,वेलपत्र,भांग,धतूरा
आज मेरे शिव पर चढ़ने वाला है।
झूमों,नाचो,गाओ खुशियाँ मनाओ
शुभकामनाओं के साथ मंगल गाओ।
महा शिवरात्री का पर्व आया है ।
पारुल शर्मा श्रवण मास #शिवरात्री की आप सभी को हार्दिक शुभकामनायें 

कंठ में हलाहल,जटा में गंगा 
शीश पर चंद्रमा मुस्कराता है।
सर्पमालाधारी,त्रिशूल और डमरूधारी
आज सजा हर शिवाला है।
फल,फूल,वेलपत्र,भांग,धतूरा
आज मेरे शिव पर चढ़ने वाला है।
parulsharma3727

Parul Sharma

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