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मसख़री अपनी जगह है और दिल्लगी अपनी जगह उससे दोस्ती

मसख़री अपनी जगह है और दिल्लगी अपनी जगह
उससे दोस्ती अपनी जगह और  दिलबरी अपनी जगह

लब सिए तो क्या हुआ, फिर शुरू होंगी इशारे बाज़ियाँ
ख़ामोशी अपनी जगह है, और मुख़बिरी अपनी जगह

चांद कहना या फूल कहना झील कहना, क्यों मगर
शायरी अपनी जगह है, और आशिक़ी अपनी जगह

सादा कपड़े सादा चेहरा सोच भी सादा, ज्यादा पसंद मुझे
 उसकी सादगी अपनी जगह, और सरकशी अपनी जगह

चाह, ख़ुमारी किस क़दर है, पहले ये तो पहचानिए ज़नाब!
तुमसे इत्तिहादी अपनी जगह, और  दिलकशी अपनी जगह मसख़री अपनी जगह है और दिल्लगी अपनी जगह
उससे दोस्ती अपनी जगह और  दिलबरी अपनी जगह

लब सिए तो क्या हुआ, फिर शुरू होंगी इशारे बाज़ियाँ
ख़ामोशी अपनी जगह है, और मुख़बिरी अपनी जगह

चांद कहना या फूल कहना झील कहना, क्यों मगर
शायरी अपनी जगह है, और आशिक़ी अपनी जगह
मसख़री अपनी जगह है और दिल्लगी अपनी जगह
उससे दोस्ती अपनी जगह और  दिलबरी अपनी जगह

लब सिए तो क्या हुआ, फिर शुरू होंगी इशारे बाज़ियाँ
ख़ामोशी अपनी जगह है, और मुख़बिरी अपनी जगह

चांद कहना या फूल कहना झील कहना, क्यों मगर
शायरी अपनी जगह है, और आशिक़ी अपनी जगह

सादा कपड़े सादा चेहरा सोच भी सादा, ज्यादा पसंद मुझे
 उसकी सादगी अपनी जगह, और सरकशी अपनी जगह

चाह, ख़ुमारी किस क़दर है, पहले ये तो पहचानिए ज़नाब!
तुमसे इत्तिहादी अपनी जगह, और  दिलकशी अपनी जगह मसख़री अपनी जगह है और दिल्लगी अपनी जगह
उससे दोस्ती अपनी जगह और  दिलबरी अपनी जगह

लब सिए तो क्या हुआ, फिर शुरू होंगी इशारे बाज़ियाँ
ख़ामोशी अपनी जगह है, और मुख़बिरी अपनी जगह

चांद कहना या फूल कहना झील कहना, क्यों मगर
शायरी अपनी जगह है, और आशिक़ी अपनी जगह
guruwanshu8506

Guruwanshu

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