मुझे प्यार जताना नहीं आता...... त्यौहार मनाना नहीं आता.... ना ही मुझ पर प्यार लुटाया है...... नहीं किसी ने मुझ पर हक अपना जताया है....... बताओ दोश कहां है मेरा? क्या तुम संग शत्रु का नाता है? तुम्हें एक बधाई देने से मेरा कहां कुछ कम हो जाता है....... तुम वीणा हो, मैं तार प्रिए..... तुम सुरीली आवाज हो मैं झंकार प्रिए. क्या कितना मैं तुम्हें मानता हूँ? दिल चीर के दिखाऊ कया कि कितना चाहता हूं... Forget to wish your birthday.