माफ़ करना मैं दो नाऊ पर सवार नहीं रह सकता हूं, इश्क़ किया है तुमसे कोई व्यापार नहीं कर सकता हूं, चाहत का सिलसिला नहीं हूं जो जब चाहें तब मिट जाऊं, इश्क़ हूं जीते जी भी मर सकता हूं, तुम्हें जितना आजमाना है आज़मा लो, मैं भी कभी अपनी सारे हदें पर कर सकता हूं, तुम गलत नहीं हो आज तो याद रखना, मैं भी किसी दिन गलत नहीं हो सकता हूं, दर्दे सितम और क्या-क्या नाम दूं, मुझे बुरा बनाने को तुम्हारा ही नाम दूं। माफ़ करना मैं दो नाऊ पर सवार नहीं रह सकता हूं, इश्क़ किया है तुमसे कोई व्यापार नहीं कर सकता हूं, चाहत का सिलसिला नहीं हूं जो जब चाहें तब मिट जाऊं, इश्क़ हूं जीते जी भी मर सकता हूं, तुम्हें जितना आजमाना है आज़मा लो, मैं भी कभी अपनी सारे हदें पर कर सकता हूं,