कि,.. वो, कुछ "उलझनों" से खुद पर इक "नकाब" बनाती है, शायद कुछ तो "नज़ारा", हसीन "नज़रों" में छुपाती है, मगर, ना करना गुस्ताख़ी उनके आँखों में झांकने की... पलकों से पहले वो "केशूओं" को "पहरेदार" बनाती है। ज़रा,....सम्भालियेगा नज़रो को उठाने से पहले !! 🙂🙃 #yqbaba #uljhan #nakaab #nazaara #nazrein #gustakhi #palkein #pahredaar