//छीन निंदिया निशा की// उषा की लाली सा रक्तिम सकुचाती काँपती ये स्निग्ध अधर तुम्हारी प्रेम का सागर छुपाये लाज में सिमटी वधु सी झुकी झुकी आंखें तुम्हारी "छीन निंदिया निशा की" बीच भौंहों के सजी आलोकित सी बिंदिया तुम्हारी तुम्हें क्या पता जीवन है किसी का उच्छवसित वक्ष को ढंकती उलझी सी घूँघरालू केश तुम्हारी कुछ कविताएं महसूस करने के लिए होती है, ना की पढ़ने के लिए ❤☺️_ #निंदिया #feelings #love #sukunkitalash #रातरानी_की_एहसासों_में_कविताएं #yqdidi