क्यों ऐसे देखता है तू ख़ुशी में गा रही हूँ मैं, बरसती जा रही हूँ मैं खुद ही नहा रही हूँ मैं, न तू ही सिर्फ़ है मेरा मुहब्बत मैं सभी की हूँ, मुसाफ़िर तू है कश्ती का कभी दरिया रही हूँ मैं, रकीबों से भरी है ज़िन्दगी आरास्ता हैं ग़म, मुहब्बत में रहा बीमार तू दरमां रही हूँ मैं, युगों से 'मीर' 'ग़ालिब' 'एलिया' लिखते रहे मुझको, पलट कर देख ले 'सानू' नहीं तो जा रही हूँ मैं। पलट कर देख ले #yqdidi #yqbaba #yqhindi #yqghazal #yqhindiurdu