सन्नाटे से सहमा है शहर देखो । कुदरत का कैसा है कहर देखो । लोगों को खाना पङा सूखी रोटी कोरोना का है ऐसा असर देखो ।। पैदल ही चले है प्रवासी अपने घर की तरफ अब सूरज भी उगल रहा हैं जहर देखो ।। कभी खुशियो में डूबा रहता था गाव मेरा अब मातम सा लग रहा घर-घर देखो ।। सुनशान है सड़क , सुनशान है मुहल्ला उठा के 'आलोक' अपनी नजर देखो ।। #covid-19 come back ©sonkar Alok #covid19comeback #standAlone