"सशेष- एक घरौंदा" #StorybyPRS #DhamtariHouse आज जब दुनिया ऑक्सीजन की कमी से जूझ रही है, एक-एक साँस की हमें कीमत चुकानी पड़ रही है ऐसे मुश्किल हालात में खुद को खुशनसीब समझ रही हूँ कि मैं और मेरा परिवार ऐसे घरौंदे में महफूज़ है जहाँ साँस लेने के लिये ऑक्सीजन समेत सभी आवश्यक सामान आसानी से उपलब्ध है। बात 2001 की है जब हम सभी "सशेष"(घर का नाम) में रहना शुरू किये थे। पापा ने घर के सामने ही 4 पेड़ लगाये थे; ये पेड़ थे अमलतास,चम्पा,नीम और करंज। तब गिने-चुने लोगों ने ये कहकर भी असहमति जतायी थी कि कुछ सालों बाद घर